Jaun Elia Shayari: जौन एलिया शायरी

Introduction: Jaun Elia Shayari in Hindi

जौन एलिया (Jaun Elia) उर्दू के महान शायरों में से एक माने जाते हैं। उनकी शायरी में दर्द, मोहब्बत, तन्हाई और विद्रोह की झलक मिलती है। जौन एलिया के शब्द सीधे दिल और आत्मा को छू जाते हैं

वे एक ऐसे शायर थे जिनके कलाम में बुद्धिमत्ता और भावनाएँ दोनों एक साथ बहती थीं। उन्होंने अपनी शायरी के ज़रिए इंसान की तन्हाई, मोहब्बत की सच्चाई और ज़िन्दगी की हकीकत को शब्दों में पिरोया।

दर्द भरी जौन एलिया शायरी (Painful Jaun Elia Shayari)

जो गुज़ारी न जा सकी हमसे,
हमने वो ज़िन्दगी गुज़ारी है।

अब तो कुछ भी नहीं बचा मुझमें,
तू ही था मेरा सब कुछ शायद।

हर किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,
कभी ज़मीन तो कभी आसमान नहीं मिलता।

अब जो हूँ मैं, वो खुदा ही जाने क्या हूँ मैं,
पहले जैसा तो किसी हाल में रहा हूँ मैं।

मेरा हर दर्द मेरे साथ चला,
कोई साथी मुझे समझ न सका।

अब जो चाहो तो भूल जाओ मुझको,
वक्त ने मुझको बहुत सिखा दिया।

कोई उम्मीद बर नहीं आती,
कोई सूरत नज़र नहीं आती।

जला कर राख कर डाला दिल को,
अब कोई चिंगारी बाकी नहीं।

तन्हाई की ये सजा कब तक,
अपने आप से सवाल करता हूँ।

तेरी यादों की धुंध में खो गया हूँ,
अब लौटने का कोई रास्ता नहीं।

मोहब्बत भरी जौन एलिया शायरी (Jaun Elia Love Shayari)

तुम मेरे पास होते हो गोया,
जब कोई दूसरा नहीं होता। jaun elia shayari.

अब कोई मुझसे मेरे हाल का न पूछे,
कब तलक मैं बताऊँ कि वो याद आता है।

तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता,
ये दिल अब किसी का नहीं लगता।

मुझको मालूम है तुम ख्वाब नहीं हो,
फिर भी दिल कहता है तुम पास कहीं हो।

मोहब्बत तो हम भी करते हैं मगर,
अब खुद से भी इज़हार नहीं करते।

तेरे जाने के बाद यूँ हुआ,
जैसे खुद से खुद को खो दिया।

अब तो चाहत भी बेवजह लगती है,
जबसे तेरा नाम लिया नहीं जाता।

कभी तुमसे बातें करना इबादत थी,
अब वही यादें गुनाह लगती हैं।

तेरी मुस्कान ने सब सिखा दिया,
क्या होता है जीना और मर जाना।

तेरे बाद किसी को चाहने की हिम्मत नहीं,
ये दिल अब तन्हाई से मोहब्बत करता है।

तन्हाई पर जौन एलिया शायरी (Jaun Elia Loneliness Shayari)

कौन इस दिल की तन्हाई को समझेगा,
हम तो खोए हुए लोगों में से हैं।

अब मैं अपनी हकीकत से परेशान हूँ,
कितना तनहा हूँ मैं और कितनी पहचान हूँ।

कोई नहीं है मेरे पास,
मगर मैं खुद ही अपने लिए काफी हूँ।

तन्हाई भी अब दोस्त बन गई है,
लोग तो बस नाम के अपने हैं।

जब कोई न था साथ मेरे,
तब भी मैं खुद से बातें करता रहा।

ज़िन्दगी अब सिर्फ एक सन्नाटा है,
और मैं उस सन्नाटे की आवाज़ हूँ।

अब तो खुद से भी बातें नहीं होती,
इतना खामोश हूँ मैं आजकल।

हर शख्स मिला मगर अपना न हुआ,
ये तन्हाई का ग़म कोई और क्या जाने।

अब तन्हा रहना ही अच्छा लगता है,
साथ रहने से बेहतर है खुद में रहना।

कोई हल नहीं इस दर्द का,
बस तन्हाई में जीना सीख लिया।

ज़िन्दगी पर जौन एलिया शायरी (Jaun Elia Life Shayari)

हर किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,
कभी ज़मीन तो कभी आसमान नहीं मिलता।

ज़िन्दगी से बड़ी कोई जंग नहीं,
और मैं अब भी उसी में लड़ा हूँ।

मौत से पहले ज़िन्दगी जीना सीख लो,
वरना पछताओगे कि जी न सके।

ज़िन्दगी बस यूँ ही कट गई,
न जीने की ख्वाहिश न मरने का डर।

वक्त ने सिखाया क्या है सबक,
कोई अपना नहीं, सब वक्त के हैं।

ज़िन्दगी में वो मुकाम नहीं पाया,
मगर तजुर्बा हर दर्द का मिला।

अब तो ज़िन्दगी भी अजनबी लगती है,
जैसे कोई मेहमान गुजर रहा हो।

हर खुशी का यहाँ हिसाब नहीं,
मगर दर्द गिना-गिना कर रखा है।

जो गुज़री वो ज़िन्दगी थी,
जो बची है वो वक्त का इंतज़ार है।

कभी हँसी में भी दर्द छिपा होता है,
यही तो ज़िन्दगी का सच है जौन।

खुद पर जौन एलिया शायरी (Jaun Elia Self Shayari)

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस,
खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।

अब जो हूँ मैं, वो खुदा ही जाने क्या हूँ मैं,
पहले जैसा तो किसी हाल में रहा हूँ मैं।

मैं अपने ही ख्यालों में उलझा रहता हूँ,
कोई मुझसे बेहतर मुझको नहीं जानता।

खुद से ही अब नफ़रत सी हो गई है,
हर बार मैं खुद को हार देता हूँ।

मैं वो नहीं जो कभी था पहले,
वक्त ने मुझे बहुत बदल दिया है।

हर रोज़ खुद से एक जंग होती है,
और हर बार मैं खुद ही हार जाता हूँ।

अब खुद ही अपनी मंज़िल हूँ मैं,
और खुद ही अपना रास्ता। jaun elia shayari.

मैं ही सवाल हूँ और मैं ही जवाब,
खुद में ही उलझा हुआ हूँ मैं।

अब कोई शिकायत नहीं ज़िन्दगी से,
खुद ही अपनी तकदीर बना ली।

खुद को इतना समझ लिया जौन,
कि अब कोई और समझ नहीं आता।

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निष्कर्ष: Conclusion

जौन एलिया सिर्फ एक शायर नहीं बल्कि एक दर्शनशास्त्री और विचारक थे, जिन्होंने अपने शब्दों के ज़रिए ज़िन्दगी की सच्चाइयों और दुखों को सामने रखा। उनकी शायरी आज भी हर मोहब्बत करने वाले, हर तन्हा इंसान और हर सोचने वाले दिल की आवाज़ है। jaun elia shayari.

उनकी कलम से निकले शब्द हमें याद दिलाते हैं कि दर्द में भी खूबसूरती होती है, और मोहब्बत में भी हकीकत छिपी होती है।

अंत में, जौन एलिया की यह पंक्ति उनके व्यक्तित्व को पूरी तरह बयान करती है:
“मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस,
खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।”

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